हर किसी की इच्छाओ को पुरा करते करते इन्सान अपनी आत्मशक्ती खोने लगता है. और इसी कारण इन्सान नकारात्मक बनने लगता है.
आज की भागादौडी मे हर किसी को आगे बढने की चाहत होती है और इसी स्पर्धात्मक युग के कारण हर किसी का मन अशांत रेहेने लगा है.
तो अब सवाल ये पैदा होता है अपने अशांत मन को शांत रखे कैसे?
तो चालीये जान लेते है अपने मन को शांत रखने के कुछ खास टिप्स :
1) डिप ब्रिदिंग :
'डिप ब्रिदिंग' याने गेहेरी सांस लेना ये एक मेडिटेशन का ही प्रकार है. जब भी बेचैनी मेहसूस हो, मन अशांत लागे तब कुछ मिनिट अपने सांसो पर ध्यान दो.
1) किसी शांत जगह पर बैठ जाओ और अपनी आँखे बंद कर लो.
2) उसके बाद अपनी सांसो पर ध्यान दो सिर्फ सांसो पर ध्यान दो विचारों के बारे मे सोचने की जरुरत नही.
3) अपने विचारों को बेहेने दो उन्हे सिर्फ ऑबझर्व करो और छोड दो.
4) डिप ब्रिदिंग को शुरुवाती मे 5 मिनिट करो फिर धीरे धीरे समय बढाओ. और उसके बाद धीरे धीरे अपनी आँखे खोलो.
डिप ब्रिदिंग करने से मन शांत होता है और जीवन मे सकारात्मकता आती है.
2) प्रकृती के संपर्क मे रहो :
हर सुबह कुछ समय पेडो, बगीचे, या छत पर खुले आसमान के नीचे बिताओ.
पक्षीयों की आवाजे, थंडी हवा और सूरज की रोशनी मन को शांती देती है
अगर संभव हो, तो बिना फोन लिये टहलने जाओ - यह डिजिटल डिटॉक्स जैसा असर देता है.
3) जर्नलिंग करो :
अपने मन के विचार, चिंताए, या खुशियों के पल अपने डायरी मे लिखो.
लिखने से मन का बोझ हलका होता है नयी दिशा मिलती है और मन शांत रेहेता है.
हर दिन एक वाक्य लिखो - "आज मै आभारी हु"
इस वाक्य से आप हर रोज खुशियों के पल धुंडने लगोगे और अपने मन के दुःख नकारात्मकता को भूल जाओगे.
4) संगीत या मंत्र सुनो :
संगीत हो या कोई भी मंत्र इनका हमारे जीवन पर बहोत बडा असर पडता है. इसलिये धिमे सुरों वाला संगीत, भजन या प्रकृती की ध्वनीय सुनो. संगीत मे कुछ समय पुरी तरह खो जाओ - बिना किसी और विचार के.
संगीत के सुनने से आपका मन शांत होगा और अपने आप ही आपका ध्यान नकारात्मक विचारों से हट जाएगा.
5) खुद के लिये समय निकालो :
हमे जीवन मे खुद के लिये समय निकलना ही चाहिये इस समय मे आप अपने पसंद का कोई भी काम कर सकते हो. - जैसे कोई पसंदिता किताब पढना, दोस्तों के साथ समय बिताना, चित्र बनाना.
खुद के लिये समय निकालनेसे आपको सभी चिंताए भूलने मे मदत होगी और मन भी शांत रहेगा.
निष्कर्ष :
मन को शांत रखना आज के समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है। जब हम हर किसी की इच्छाओं को पूरा करने में लगे रहते हैं, तो धीरे-धीरे अपनी आत्मशक्ति खोने लगते हैं। लेकिन अगर हम थोड़ी-सी सजगता और अनुशासन अपने जीवन में लाएँ — जैसे डिप ब्रिदिंग करना, प्रकृति के संपर्क में रहना, जर्नलिंग करना, संगीत या मंत्र सुनना और खुद के लिए समय निकालना — तो हमारा मन फिर से स्थिर और शांत हो सकता है।
याद रखिए, मन की शांति किसी बाहर की चीज़ में नहीं, बल्कि आपके भीतर ही है। बस जरूरत है उसे पहचानने की और रोज़ थोड़ा-थोड़ा समय खुद को देने की।
जब मन शांत होगा, तभी जीवन में सच्ची खुशी और सकारात्मकता का अनुभव होगा।