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Wednesday, 10 December 2025
आप अपना कितना खयाल रखते है
Wednesday, 19 November 2025
सवाल पूछना जरुरी है
वसुधा की जर्नी जीवन को देखने का नजरीया एकदम अलग था वो हसमुख थी हमेशा उत्साह मे रेहेती थी इसलिये वसुधा सबकी लाडली थी हुनहार वसुधा को सिखने का बहोत शोक था कही कुछ अलग लगा नही की पूछना शुरु
"ये आपने कैसे किया मुझे भी सिखाएंगे?"
बस यही एक सवाल रेहेता था. और एक इसी सवाल से सब कुछ सीख जाती थी
देखा आपने एक सवाल से क्या होता है इसीलिये सवाल पूछना जरुरी होता है सवाल पूछने से हमे सामने खडे इन्सान के बारे मे क्लीयारिटी आती है इसलिये सवाल पूछने से हीचकीचाओ मत जो भी मन मे आये वो पूछो लेकीन सही तरीके से इसकेलीये ये 7 टिप्स अपनाओ. :
सवाल पूछने की कला (टॉप 7 टिप्स ) :
1) उद्देश्य स्पष्ट करें: सवाल पूछने से पहले, तय करें कि आप वास्तव में क्या जानना चाहते हैं। क्या आप जानकारी चाहते हैं, कोई राय जानना चाहते हैं, या किसी समस्या का समाधान? स्पष्ट उद्देश्य होने से सवाल सीधा और केंद्रित रहता है
2) "क्यों" और "कैसे" का उपयोग करें: केवल सतही जानकारी के बजाय, गहन समझ के लिए ये दो शब्द बहुत शक्तिशाली हैं। "क्यों" (Why) से कारण पता चलते हैं, और "कैसे" (How) से प्रक्रिया या समाधान
3) खुले-छोर वाले सवाल पूछें: ऐसे सवाल पूछें जिनका जवाब केवल 'हाँ' या 'नहीं' में न दिया जा सके। ये सवाल ("आप क्या सोचते हैं?") लोगों को विस्तार से जवाब देने और अपनी अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं
4) सक्रिय रूप से सुनें: सवाल पूछना केवल बोलने के बारे में नहीं है, बल्कि जवाब को ध्यान से सुनने के बारे में है। इससे आपको समझ आएगा कि क्या कहा गया है, और आप अगला, अधिक प्रासंगिक सवाल पूछ सकते हैं
5) सरल और संक्षिप्त रहें: जटिल या लंबे सवाल पूछने से बचें। आपका सवाल सीधा और समझने में आसान होना चाहिए, ताकि जवाब देने वाले को पता हो कि आपसे क्या पूछा गया है
6) पूर्वाग्रह न रखें: अपने सवाल में अपनी राय या पूर्व-कल्पनाएँ न डालें। निष्पक्ष सवाल पूछें ताकि आपको बिना किसी रुकावट के सच्चा और स्पष्ट जवाब मिल सके
7) शांत रहें और सही समय चुनें: सवाल पूछने के लिए माहौल शांत और जवाब देने वाले के लिए उपयुक्त होना चाहिए। धैर्य रखें और लोगों को सोचने और आराम से जवाब देने का समय दें
निष्कर्ष :
वसुधा की कहानी यह साबित करती है कि जीवन की सबसे बड़ी सीख एक सरल सवाल से शुरू होती है। सवाल पूछने की यह कला केवल जानकारी जुटाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह ज्ञान का द्वार खोलती है और हमें सामने वाले व्यक्ति के साथ एक गहरा संबंध बनाने में मदद करती है।
याद रखें, ये 7 टिप्स आपको किसी भी बातचीत या समस्या-समाधान की स्थिति में सटीक, प्रभावी और स्पष्ट संचार स्थापित करने में सहायता करेंगी। जब आप 'क्यों' और 'कैसे' का उपयोग करके खुले-छोर वाले सवाल पूछते हैं, तो आप केवल सतही जानकारी तक सीमित नहीं रहते, बल्कि गहन अंतर्दृष्टि प्राप्त करते हैं।
सवाल पूछने से घबराएं नहीं। उद्देश्य स्पष्ट रखें, सक्रिय रूप से सुनें, और शांत मन से अपने सवाल रखें। जो व्यक्ति सवाल पूछता है, वह क्षण भर के लिए अनभिज्ञ लग सकता है, लेकिन जो नहीं पूछता, वह हमेशा के लिए अनभिज्ञ रह जाता है।
सवाल पूछना आत्मविश्वास की निशानी है। इसे अपनाएं और देखें कि कैसे एक छोटा सा सवाल आपके जीवन को देखने के नज़रीये को बदलकर, आपके सीखने और आगे बढ़ने की जर्नी को नए आयाम दे सकता है
Monday, 17 November 2025
वन लाईन अ डे - जर्नल कैसे करे
क्या आपने कभी सोचा है? "मुझे कोई ऐसा तरिका मिल जाए जीससे मेरा वक्त बच जाए मेरी आदत भी बनी रहे और मुझे लिखने का समाधान भी मिले." तो आपने बिलकुल सही सोचा है जर्नलिंग मे एक ऐसा मेथड है जीससे आपकी ये तीनो इच्छाए पुरी हो सकती है और वो मेथड है "वन लाईन अ डे - जर्नल" चौक गए न आप भी मैने जब इसके बारे मे सुना था तब मेरा भी ऐसा ही हाल था
क्या है ये "वन लाईन अ डे - जर्नल"
वन लाईन जर्नलिंग क्या होता है?
वन-लाइन जर्नल विधि में हर दिन की एक घटना, भावना या विचार को केवल एक वाक्य में लिखना शामिल है, जो कृतज्ञता, एक पसंदीदा पल या किसी उपलब्धि पर केंद्रित हो सकता है। यह विधि सरल और आसान है, जहाँ आप हर दिन एक पंक्ति के माध्यम से अपने जीवन को ट्रैक करते हैं और इसे समय के साथ अधिक सुलभ बनाते हैं
वन लाईन अ डे जर्नल लिखने के लीये टॉप 7 टिप्स :
1) एक नियमित समय तय करे :
जी हा एक नियमित समय तय करे हर दिन एक ही समय पर जर्नल लिखने कि आदत डाले. जैसे सुबह या सोने से ठीक पहले, ताकि यह एक दिनचर्या का हिस्सा बन जाए।
आप इसे अपनी मौजूदा आदत, जैसे सुबह की कॉफी या रात के खाने के बाद जोड़ सकते हैं
2) सरल और सहज शुरुआत करें
इसे आसान रखें। आपको बस एक वाक्य लिखना है। बहुत ज़्यादा सोचने या व्याकरण की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
ईमानदार रहें और जो आप महसूस करते हैं, उसे लिखें, क्योंकि यह आपके लिए है
3) ध्यान भटकाने से बचें
लिखते समय, अपना फ़ोन या कंप्यूटर जैसी ध्यान भटकाने वाली चीज़ों को दूर रख दें।
शांत और एकाग्रता वाले वातावरण में लिखें
4) संकेतों का उपयोग करें
अगर आप अटक जाते हैं, तो संकेतों का उपयोग करें।
आप पूछ सकते हैं: आज आप किसलिए आभारी हैं? आज आपके साथ सबसे अच्छी बात क्या हुई
5) नियमित रूप से समीक्षा करें
हर हफ्ते या हर महीने अपनी जर्नल की समीक्षा करें। यह आपकी प्रगति पर नज़र रखने का एक शानदार तरीका है।
यह आपको नई आदत बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित भी करेगा
6) अपनी जर्नल को कभी-कभी पढ़ें
अपनी पुरानी जर्नल एन्ट्रीज को समय-समय पर दोबारा पढ़ने से आपको अपने विकास और पैटर्न को देखने में मदद मिल सकती है।
यह आपको प्रेरित रहने में भी मदद करेगा
7) अलग-अलग लेआउट आज़माएँ
कभी-कभी एक साधारण सूची के रूप में लिखना बेहतर होता है।
आप अपनी एंट्रीज में चित्र (डूडल) या भावनात्मक संकेत भी जोड़ सकते हैं
वन लाईन अ डे - जर्नल के टॉप 5 उदाहरण :
1) आत्म-विकास और लक्ष्य (Self-Growth and Goals)
उद्देश्य: आज के सबसे महत्वपूर्ण कार्य (Most Important Task) पर ध्यान केंद्रित करना।
उदाहरण: "आज मैं अपने बड़े लक्ष्य की ओर एक कदम बढ़ाने के लिए, सबसे मुश्किल काम को बिना टाले दोपहर से पहले पूरा करूँगा"
2) मानसिक शांति और भावनाएँ (Mental Peace and Emotions)
उद्देश्य: दिन भर के लिए एक सकारात्मक मानसिक अवस्था (Mindset) निर्धारित करना।
उदाहरण: "आज मैं किसी भी तनावपूर्ण स्थिति पर प्रतिक्रिया देने के बजाय शांति से जवाब दूँगा, ताकि मेरी आंतरिक शांति बनी रहे"
3) कृतज्ञता (Gratitude)
उद्देश्य: दिन की शुरुआत कृतज्ञता की भावना के साथ करना, जो प्रेरणा का स्रोत बने।
उदाहरण: "मैं अपने अच्छे स्वास्थ्य और मेरे आसपास के लोगों के समर्थन के लिए आभारी हूँ, जो मुझे आज उत्साह से काम करने की शक्ति देगा"
4) संबंध और संवाद (Relationships and Communication)
उद्देश्य: किसी महत्वपूर्ण रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए एक छोटी सी कार्रवाई करना।
उदाहरण: "आज मैं अपने परिवार के सदस्य को धन्यवाद दूँगा या उनकी बात पूरी एकाग्रता के साथ सुनकर अपने रिश्ते को मजबूत करूँगा"
5) शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health)
उद्देश्य: पूरे दिन के लिए अपनी सेहत से जुड़ा एक सरल संकल्प (Resolution) लेना।
उदाहरण: "मैं आज अपने शरीर को हाइड्रेटेड (पानी) रखूँगा और काम के बीच में हर घंटे कम से कम ५ मिनट का ब्रेक लेकर चलूँगा"
निष्कर्ष :
डायरी लिखना कोई कठिन कला नहीं, बल्कि स्वयं को समझने और अपने जीवन की छोटी-छोटी खुशियों को संजोने का सरल माध्यम है। “वन लाइन अ डे – जर्नल” विधि हमें यह सिखाती है कि आत्म-अनुशासन छोटे कदमों से भी बन सकता है—हर दिन बस एक वाक्य लिखकर। यह एक ऐसी आदत है जो न समय लेती है, न ही किसी विशेष कौशल की आवश्यकता होती है; फिर भी यह हमारी सोच, भावनाओं और जीवन की दिशा को गहराई से बदलने की क्षमता रखती है।
जब आप प्रतिदिन एक पंक्ति लिखते हैं, तो आप न केवल अपने दिन को समझते हैं, बल्कि अपने भीतर धीरे-धीरे हो रहे सकारात्मक परिवर्तन को भी देखते हैं। कुछ ही दिनों में यह सरल अभ्यास एक सुंदर दिनचर्या बन जाता है—जो आपकी प्रगति, भावनाओं और सपनों को सहेज कर रखता है।
आख़िर में, डायरी लिखना समय निकालने का नहीं, बल्कि अपने लिए एक क्षण बनाने का अभ्यास है।
Wednesday, 12 November 2025
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Monday, 10 November 2025
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Friday, 7 November 2025
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Tuesday, 4 November 2025
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